रेपो रेट में 0.25 से 0.35% की वृद्धि कर सकता है आरबीआइ
अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के कुछ दिन बाद आरबीआइ भी प्रमुख नीतिगत दर में 0.25 से 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मुद्रास्फीति पर अंकुश के लिए केंद्रीय बैंक आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में रेपो दर बढ़ा सकता है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की द्विमासिक बैठक तीन अगस्त से शुरू हो रही है। नतीजों की घोषणा पांच अगस्त को होगी।
खुदरा मुद्रास्फीति छह माह से रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। ऐसे में रिजर्व बैंक ने मई व जून में रेपो दर में क्रमशः 0.40 प्रतिशत और 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की थी।
बोफा ग्लोबल रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है, 'एमपीसी पांच अगस्त को रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी करेगी। वह अपने रुख को धीरे-धीरे सख्त करेगी।' रेपो दर में 0.50 प्रतिशत या कुछ नरम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता। बैंक आफ बड़ौदा की रिपोर्ट में कहा गया है। कि फेडरल रिजर्व ने 2022 में ब्याज दरों में 2.25% की वृद्धि की है।