बनें अग्निवीर

अग्निपथ योजना के तहत अब अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो रही है। झारखंड में भी पांच से 22 सितंबर तक अग्निवीरों की भर्ती रैली होनी है। इस योजना को लेकर जगह-जगह विरोध-प्रदर्शन भी हुए, जिसमें कम अवधि के लिए युवाओं की नियुक्ति की सरकार की नीति की आलोचना की गई। हालांकि दूसरी ओर सरकार के इस निर्णय का स्वागत भी हो रहा है। सेना भर्ती कार्यालय युवाओं को भर्ती रैली में भाग लेने के लिए प्रेरित भी कर रहा है। सेना आउटरीच कार्यक्रम भी चला रही है। भर्ती के लिए पांच जुलाई से ही आनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है जो तीन अगस्त तक चलेगी। जल, थल और वायु तीनों सेना में अग्निवीरों की भर्ती होनी है। सेना के वरिष्ठतम अधिकारियों की ओर से बार-बार यह स्पष्ट किया गया है कि यह योजना युवाओं को न सिर्फ रोजगार देगी, बल्कि सेना की नौकरी के बाद भविष्य के लिए भी सुनहरे अवसरों के मार्ग खोलेगी। युवाओं को इसका लाभ उठाना चाहिए। देश को युवाओं की जरूरत है, इसलिए राष्ट्र की रक्षा के लिए युवाओं को कमर कस लेनी चाहिए। एक ओर जहां अग्निवीरों को भी बाकी सैनिकों की ही तरह वेतन-भत्ते एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध होंगी, वहीं जब वे सेवानिवृत्त होंगे, उसके बाद भारतीय तटरक्षक बल, रक्षा नागरिक समेत सार्वजनिक उपक्रमों की नियुक्तियों और तमाम सेवाओं में उन्हें नियुक्ति में प्राथमिकता भी दी जाएगी। साथ ही कई सेवाओं में 10 प्रतिशत तक आरक्षण का भी लाभ मिलेगा। नौसेना के अनुभव के साथ उन्हें प्रशिक्षण और पेशेवर प्रमाणपत्र भी मिलेगा, जिससे वह दुनिया भर में कहीं भी मर्चेंट नेवी में शामिल हो सकेंगे। वित्त मंत्रालय की ओर से अग्निवीरों के लिए स्वरोजगार के लिए विशेष ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की भी घोषणा की गई है। वहीं इन्हें मिलने वाले वेतन-भत्ते को आयकर से मुक्त रखा गया है। बताने की जरूरत नहीं कि युवाओं के लिए यह योजना काफी आकर्षक है और उन्हें किसी बहकावे में आने के बजाय योजना को ठीक ढंग से समझकर इसका लाभ उठाना चाहिए। युवाओं के जोश और जज्बे का सेना को लाभ मिलेगा तो देश मजबूत होगा, वहीं कुछ वर्षों तक देश की सेवा करने के बाद जब अग्निवीर रिटायर होंगे तो उनके सामने अपार अवसर होंगे और वह किसी भी दूसरी नौकरी में जाने की स्थिति में होंगे। साथ ही स्वरोजगार का भी विकल्प होगा।

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