सभी राज्यों के तैयार होने के बाद ही लागू होगी श्रम संहिता
कुछ राज्यों की तरफ से श्रम संहिता (लेबर कोड) लागू करने की पूरी तैयारी नहीं होने से इसमें देरी हो रही है। श्रम मंत्रालय का मानना है कि सभी राज्यों में श्रम संहिता के एक साथ लागू होने पर ही इसका फायदा दिखेगा। श्रम संहिता के तहत चार संहिता को लागू किया जाना है। इनमें वेज कोड (वेतन संहिता), सोशल सिक्योरिटी कोड (सामाजिक सुरक्षा संहिता), इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (औद्योगिक सुरक्षा संहिता) और अकुपेशनल सिक्योरिटी कोड (व्यवसाय सुरक्षा संहिता) शामिल हैं। वेज कोड के लिए अधिकतर राज्य तैयार हैं और वह सबसे पहले लागू हो सकता है। श्रम संहिता समवर्ती सूची का विषय है। इसलिए केंद्र और राज्य दोनों को इन संहिताओं को लागू करने के लिए नियम बनाने होंगे। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक एक साथ श्रम संहिता लागू नहीं करने पर श्रमिकों का पलायन हो सकता है। जिन राज्यों में श्रम संहिता लागू हो जाएंगे, श्रमिक वहां जाना पसंद करेंगे। चार साल से अधिक समय से श्रम संहिता में बदलाव की कवायद चल रही है। केंद्र की तरफ से वर्ष 2020 में चारों संहिताओं की तैयारी पूरी कर ली गई थी। गत मार्च में श्रम मंत्रालय की तरफ से इस साल की दूसरी छमाही में श्रम संहिता के लागू करने की बात कही गई थी, लेकिन अब मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि एक जुलाई से श्रम संहिता के लागू होने की खबर पूरी तरह से कयास पर आधारित हैं। सूत्रों के मुताबिक संभव है कि पहले वेज कोड को लागू कर दिया जाए क्योंकि वेज कोड को लेकर लगभग सभी राज्यों ने अपनी तैयारी कर ली है।
- सबसे पहले लागू हो सकता है वेज कोड, अधिकतर राज्यों ने पूरी कर ली है तैयारी
- चार साल से अधिक समय से श्रम संहिता में बदलाव की कवायद चल रही है