बिहार में फरवरी 2001 के बाद पैदा होने वालों को नहीं मिलेगी पीएम किसान सम्मान निधि

 प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में गड़बड़ी रोकने और अपात्रों की छंटनी के लिए बिहार में नई व्यवस्था लागू की गई है। अब योजना में वही रैयत किसान पात्र होंगे, जिनका जन्म पहली फरवरी, 2001 से पहले हुआ है। इस तारीख के बाद पैदा हुआ व्यक्ति इस योजना का लाभ नहीं ले पाएगा। यहां तक कि जिन्हें पहले से यह निधि मिल रही है, उन्हें भी भुगतान बंद कर दिया जाएगा। इस संबंध में बिहार के कृषि निदेशक ने सभी जिलों जिला कृषि अधिकारियों, एडीएम और संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर ध्यान आकृष्ट किया है।

बिहार में फरवरी 2001 के बाद पैदा होने वालों को नहीं मिलेगी पीएम किसान सम्मान निधि

  • योजना में गड़बड़ी रोकने और अपात्रों की छटनी के लिए नई व्यवस्था लागू
  • पंचायत और ग्राम कचहरियों के माध्यम से कराए गए सोशल आडिट के बाद कसा शिकंजा

दस्तावेज में हेराफेरी व अपात्र लाभार्थियों की पहचान को लेकर पंचायत और ग्राम कचहरियों के माध्यम से कराए गए सोशल आडिट के बाद शिकंजा कस गया है। अब पुनर्विचार के लिए भी नई व्यवस्था में ही आवेदन करना होगा। रैयतों के नाम से भूमि की जमाबंदी का दस्तावेज भी अनिवार्य कर दिया गया है। यही नहीं, आनलाइन आवेदन से पहले भूमि का ब्योरा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के रिकार्ड में अपडेट कराना होगा। रिकार्ड में विवरण नहीं दिखने पर आनलाइन आवेदन नहीं किया जा सकेगा।

एप से होगा सत्यापन: संस्थागत / वासगीत पर्चा/ आबादी की भूमि / सरकारी भूमि / बगैर सर्वे की भूमि / टोपो लैंड जैसी भूमि पर इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। नए आवेदनों का सत्यापन डीबीडी कृषि सत्यापन एप से किया जाएगा। कृषि समन्वयक, जिला कृषि अधिकारी, सीओ और अपर समाहर्ता (राजस्व) के स्तर पर सत्यापन भी इसी एप से किया जाएगा। 

30 दिन से ज्यादा अर्जी नहीं दवा सकेंगे सीओ योजना का लाभ खेती योग्य भूमि पर ही मिलेगा। रैयत किसान परिवार में पति, पत्नी एवं अवयस्क बच्चे माने गए हैं। स्पष्ट किया गया है कि एक परिवार से पति और पत्नी दोनों लाभ नहीं ले सकते हैं। किसी एक को ही लाभ मिलेगा। नए सिरे से आनलाइन आवेदन के सत्यापन की समय-सीमा भी तय कर दी गई है। कृषि समन्वयक को 14 दिन में आवेदन का निस्तारण सुनिश्चित करना होगा। अंचलाधिकारी (सीओ) और अपर समाहर्ता (राजस्व) को 30-30 का समय दिया गया है। पुनर्विचार के आनलाइन आवेदन के सत्यापन के लिए जिला कृषि अधिकारी, सीओ और अपर समाहर्ता (राजस्व) को 20-20-20 दिन का समय दिया गया है।

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