Pistachio: पिस्ता खाने के 5 नुकसान

Pistachio dryfoods हम सब लोगो को पसंद आते है जो सेहत के लिए लाभदायक भी होते है लेकिन इनका ज्यादा सेवन नुकसान का भी काम करता है तो आइए जाने ज्यादा पिस्ता खाने से क्या नुकसान होता है । 

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Pistachio: पिस्ता

Dryfoods में सबसे स्वादिष्ट नट्स में से एक होता है। साथ ही यह सेहत को कई तरह से फायदा लाभ पहुंचाने का काम भी करता है। पिस्ता सबसे ज़्यादा popular fooods में शामिल है, जिसका इस्तेमाल चॉकलेट्स, आइसक्रीम्स, कैंडीज़, मिठाई और कई पकवानों में एस्तेमाल किया जाता है। आप पिस्ता के कई फायदों के बारे में जानते होंगे, लेकिन क्या आपको इसके नुकसान के बारे में भी पता है ? कई ऐसे लोग भी हैं जिन्हें पिस्ता सूट नहीं करता, वहीं ज़्यादा खा लेने से भी सेहत खराब हो सकता है। 



पिस्ता खाने के नुकसान 


वजन का बढ़ना

पिस्ता खाने में इतने स्वादिष्ट होता हैं कि जब भी इन्हें खाने बैठों हाथ रुकने का नाम नहीं लेता है। हालांकि, आप यह भी जान लें कि पिस्ता का ज़्यादा सेवन आपका वज़न बढ़ाने का काम भी कर सकता है। इसलिए अगर आप वज़न कम करना चाहते हैं, तो इनके सेवन पर नज़र रखना बेहद ज़रूरी होगा।


किडनी के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है

पिस्ता में पोटैशियम काफी ज़्यादा होती है। ज़रूरत से ज़्यादा पोटैशियम हमारी किडनी को नुकसान पहुँचने का काम कर सकता है। जो लोग किडनी की बीमारी से परेशान रहे हैं, उन्हें डाइट में पिस्ता का सेवन नही करना चाहिए। पिस्ता ज़्यादा खा लेने से मतली, कमज़ोरी, नब्ज़ का धीमा होना और अनियमित दिल की धड़कने जैसे दिक्कत का सामना भी करना पड़ सकता है।


पाचन से जुड़ी दिक्कत

पिस्ता में डाइट्री फाइबर होता हैं, जो पेट और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता हैं। लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा फाइबर खाने से दस्त, पेट और पेट में ऐंठन जैसी समस्याएं शुरू हो सकता हैं। इसलिए पिस्ता खाएं, लेकिन इसकी मात्रा पर भी ध्यान दें।


हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है

हम आमतौर पर जो पिस्ता खाते हैं, वे रोस्टेड होता हैं, जिसका मतलब उसमे नमक की मात्रा ज़्यादा होती है। नमक का ज़्यादा सेवन भी दिल की बीमारियों का ख़तरा बढ़ाता है। इससे हाई ब्लड प्रेशर भी होती है, जो लंबे समय में समस्या बढ़ा सकती है।


गुस्सैल स्वभाव के लोगों इसका सेवन नही करना चाहिए

पिस्ता के बीजों को गर्म करके सुखाया जाता है, इसलिए पारंपरिक दवाओं के हिसाब से ये गुस्सैल स्वभाव के लोगों के लिए ठीक नहीं होती है

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